Tuesday, February 15, 2022

इमाम अली और मिस्र के पिरामिड्स की उम्र

इमाम हज़रत अली अलैहिस्सलाम के इल्म व हिकमत के बारे में पैग़म्बर मुहम्मद(स.) फरमाते हैं कि मैं शहरे इल्म हूं और अली उसका दरवाज़ा हैं। और खुद इमाम अली(अ.) फरमाते हैं कि मैं ज़मीन से ज़्यादा आसमान के रास्तों को जानता हूं। इस इल्म की एक मिसाल मेजर इफ्तिखार हैदर ज़ैदी कि किताब ‘वजूद ए कायनात मौला अली और ग़दीरे खुम (पेज 237) में मिलती है। जब इमाम अली ने मिस्र के पिरामिड्स की उम्र का मसला एस्ट्रोनोमी की मदद से हल किया। किताब के मुताबिक साहबे ग़यासुल्लुग़ात अहराम मिस्र की बहस में तहरीर फरमाते हैं कि हज़रत इमाम अली (अ.) से जब किसी ने मिस्र के अहरामों (Pyramids) की उम्र के बारे में सवाल किया तो आपने पूछा - उसपर कोई क़ुत्बा या तस्वीर है? तो पूछने वाले ने कहा - जी हाँ एक गिद्ध की तस्वीर है जो अपने पंजों में केकड़ा दबाये हुए है। ये सुनकर इमाम(अ.) ने फरमाया, मामला साफ है, मिस्र के पिरामिडों की बुनियाद उस वक्त रखी गयी जब ‘सितारा नुस्र’ बुर्ज सरतान में था। ‘नुस्र’ दो हज़ार साल में एक बुर्ज से दूसरे बुर्ज में जाता है और आजकल (यानि इमाम अली(अ.) के ज़माने में) बुर्ज जदी में है। और इस तरह उन इमारतों की बुनियाद बारह हज़ार साल पहले रखी गयी।

मौजूदा दौर तहक़ीक़ात के मुताबिक अहराम मिस्र की उम्र 3000-4000 के लगभग बतायी जाती थी, लेकिन अब कुछ नयी तहक़ीकात में इस थ्योरी को रिजेक्ट करते हुए गेरी कैनन और मैलकम हटन जैसे हिस्टोरियन पिरामिड्स की उम्र 12500 साल के लगभग बताते हैं। यानि आइस एज से भी पहले।

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