स्टीफन हाकिंस, ग्रैंड डिज़ाइन और इमाम जाफर सादिक (अ.स.)
क्या यह सच है की स्टीफन हाकिंस ने आज ग्रैंड डिजाइन नाम से जो थ्योरी दुनिया के सामने पेश की है उसे इस्लाम के महान विचारक इमाम जाफर सादिक (अ.स.) आज से बारह सौ साल पहले पेश कर चुके हैं?
वेदों में ग्रहणों के संबंध में जो जानकारी भरी हुई है उसे पढ लेने के बाद कोई जरा सी बुद्धि रखने वाला व्यक्ति भी वेदों में विज्ञान ढूंडने की बात न करेगा सूर्य ग्रहण के बारे में ऋग्वेद का कहना है कि सूर्य को स्वर्भानु नामक असुर आ दबोचता है और अत्रि व अत्रिपुत्र उसे उस असुर से मुक्त करते हैं, तब ग्रहण समाप्त होता है. (क) यतृत्वा सूर्य स्वर्भानुस्तमसाविध्यदासुरः अक्षेत्रविद् यथा गुग्धो भुवनान्यदीधयुः -- ऋ 5/ 40/ 5
वेदों में ग्रहणों के संबंध में जो जानकारी भरी हुई है उसे पढ लेने के बाद कोई जरा सी बुद्धि रखने वाला व्यक्ति भी वेदों में विज्ञान ढूंडने की बात न करेगा सूर्य ग्रहण के बारे में ऋग्वेद का कहना है कि सूर्य को स्वर्भानु नामक असुर आ दबोचता है और अत्रि व अत्रिपुत्र उसे उस असुर से मुक्त करते हैं, तब ग्रहण समाप्त होता है. (क) यतृत्वा सूर्य स्वर्भानुस्तमसाविध्यदासुरः अक्षेत्रविद् यथा गुग्धो भुवनान्यदीधयुः -- ऋ 5/ 40/ 5
11 comments:
Yah kahaan se dhoondha?
अनोनिमस महोदय, आप लेख पढ़ें, उसमें सारे सन्दर्भ मिल जायेंगे.
Good!
हर तरह का इल्म हमारे इमामों के ज़रिये दुनिया में फैला है.
Nice Information
ये तो जाकिर नाइक और उसके चेलों की पुरानी आदत है विज्ञान की हर नई खोज को इस्लाम से जोड़ने की.
कोई नहीं मिला तो स्टीफन हाकिंस को ही लपेट लिया.
बेटा विज्ञान की बातें क्या होती हैं पढो और समझो
वेदों का घूमता सूर्य
प्रारंभिक स्कूल का विद्यार्थी भी जानता है सूर्य वहीं खडा है वेदों में सूर्य को रथ पर सवार होकर चलने वाला कहा गया है
उदु तयं जातवेदसं देवं वहन्ति केतवः,
दृशे विश्वाय सूर्यम ----- ऋ. 1/50/1
अर्थात सूर्य प्रकाशमान है और सारे प्राणियों को जानता है. सूर्य के घोडे उसे सारे संसार के दर्शन के लिए ऊपर ले जाते है
वेदों में ग्रहणों के संबंध में जो जानकारी भरी हुई है उसे पढ लेने के बाद कोई जरा सी बुद्धि रखने वाला व्यक्ति भी वेदों में विज्ञान ढूंडने की बात न करेगा
सूर्य ग्रहण के बारे में ऋग्वेद का कहना है कि सूर्य को स्वर्भानु नामक असुर आ दबोचता है और अत्रि व अत्रिपुत्र उसे उस असुर से मुक्त करते हैं, तब ग्रहण समाप्त होता है.
(क)
यतृत्वा सूर्य स्वर्भानुस्तमसाविध्यदासुरः
अक्षेत्रविद् यथा गुग्धो भुवनान्यदीधयुः -- ऋ 5/ 40/ 5
वेदों में ग्रहणों के संबंध में जो जानकारी भरी हुई है उसे पढ लेने के बाद कोई जरा सी बुद्धि रखने वाला व्यक्ति भी वेदों में विज्ञान ढूंडने की बात न करेगा
सूर्य ग्रहण के बारे में ऋग्वेद का कहना है कि सूर्य को स्वर्भानु नामक असुर आ दबोचता है और अत्रि व अत्रिपुत्र उसे उस असुर से मुक्त करते हैं, तब ग्रहण समाप्त होता है.
(क)
यतृत्वा सूर्य स्वर्भानुस्तमसाविध्यदासुरः
अक्षेत्रविद् यथा गुग्धो भुवनान्यदीधयुः -- ऋ 5/ 40/ 5
अच्छी पोस्ट
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