यूरोपियन इतिहास के अनुसार पहली बार जिसने इस बात को पूरी तरह कनफर्म किया वह था पुर्तगाली नाविक माजीलान। जो सोलहवीं शताब्दी में जन्मा था। वह अधिकतर समुन्द्री यात्राओं पर रहता था और दूर तक फैले समुन्द्र का कर्व रूप देखकर उसने यह निष्कर्ष निकाला था।
अब सवाल उठता है कि माजीलान से पहले इस्लामी विद्वानों का इस बारे में क्या विचार था? वह ज़मीन को गोल मानते थे या चपटी? इस बारे में जानने के लिए पढ़ें मेरा ये लेख.
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