Sunday, July 24, 2011

किताब ‘51 जदीद साइंसी तहक़ीक़ात जो दरअस्ल इस्लाम की हैं’ का लोकार्पण


यूनिटी कालेज, हुसैनाबाद लखनऊ में 22 जुलाई 2011 को आयोजित एक समारोह में ज़ीशान हैदर ज़ैदी की किताब ‘51 जदीद साइंसी तहक़ीक़ात जो दरअस्ल इस्लाम की हैं’ का लोकार्पण हुआ। समारोह में अन्तर्राष्ट्रीय व्यक्तित्व प्रसिद्ध इस्लामी धर्मगुरु व विद्वान डा0 कल्बे सादिक व मुख्य अतिथि राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान केन्द्र के रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर साइंटिस्ट डा0 इक्तेदार फारुक़ी ने पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक को अब्बास बुक एजेंसी, दरगाह हज़रत अब्बास, लखनऊ ने प्रकाशित किया है। कार्यक्रम के संयोजक सेन्ट रोज़ पब्लिक स्कूल के संस्थापक व प्रबंधक डा0मंसूर हसन खाँ थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डा0 इक्तेदार फारुक़ी ने कहा कि मज़हबी रहनुमाओं को साइंस से दूरी नहीं बरतनी चाहिए और उन्हें लोगों में तार्किक चिंतन की शक्ति जागृत करनी चाहिए ताकि वे मात्र धर्म या मज़हब का अँधा अनुकरण करके अपने व दूसरों के लिये समस्याएं न खड़ी करें। उन्होंने ये भी कहा कि एक वक्त था जब साइंस और तकनीक में मुस्लिम समाज यूरोपियन से बहुत आगे था, लेकिन आज मामला ठीक इसके उलट हो चुका है और मुस्लिम समाज ने तार्किक रूप से चिंतन करना लगभग त्याग दिया है जिसके नतीजे में समाज में अनेकों बुराईयां प्रचलित हो गयी हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए इस्लामी धर्मगुरु व विद्वान डा0 कल्बे सादिक ने मौजूदा दौर के कठमुल्लाओं पर चोट की और कहा कि वैज्ञानिक चिंतन से अलग हटकर कोई क़ौम ज्यादा दिन जीवित नहीं रह सकती। उन्होंने आपसी झगड़ों को मिटाकर एक होने का पैगाम दिया ताकि मुल्क और कौम की तरक्की हो सके।
डा0मंसूर हसन खाँ ने कहा कि जीशान हैदर जैदी की यह किताब ज़ाहिर करती है कि आधुनिक साइंस की शुरूआत दरअसल इस्लाम ने ही की है।

अन्य वक्ताओं में यू.पी. मीडिया फाउन्डेशन के अध्यक्ष डा0सुल्तान शाकिर हाशमी व अब्बास बुक एजेंसी की संस्थापक श्री अली अब्बास तबातबाई ने भी श्रोताओं को खिताब किया।        
ज़ीशान हैदर ज़ैदी की यह किताब मुस्लिम समाज में व्याप्त ऐसी मान्यताओं को खंडित करती है कि वर्तमान वैज्ञानिक तरक्की इस्लामी मान्यताओं से अलग हटकर है। और इस्लाम ऐसी तरक्की का विरोध् करता है। हक़ीक़त ये है कि आधुनिक वैज्ञानिक तरक्की और इस्लामी मान्यताएं पूरी तरह एक दूसरे को सपोर्ट करती हैं।

1 comment:

DR. ANWER JAMAL said...

आपने किताब लिखकर एक रचनात्मक काम किया है लेकिन रचनात्मक कामों को योगदान यहां कम ही मिलता है।
मुबारक हो आपको ।

आपकी इस पोस्ट का चर्चा आपको आज सुबह मिलेगा ‘ब्लॉगर्स मीट वीकली‘ में।
आप सादर आमंत्रित हैं।