आज सवेरे मैंने जो पहला फोन रिसीव किया वह एक मुबारकबाद का था और ये मुबारकबाद देने वाले थे भाई डा0 अनवर जमाल। मुबारकबाद इस बात की थी कि इस्लाम के धुर विरोधी टोनी ब्लेयर के घरवालों ने भी अब इस्लाम की शिक्षाओं से प्रभावित होकर इस्लाम को ग्रहण करना शुरू कर दिया है। अमेरिका के साथ मिलकर इराक में मुसलमानों का कत्लेआम करने वाले टोनी ब्लेयर के घरवाले अगर इस्लाम का गुणगान करने लगें और इसे कुबूल करने लगें तो यकीनन यह इस्लामी शिक्षाओं का चमत्कार ही कहा जायेगा।
यह न्यूज आज के समाचार पत्रों में (बाएं हाथ की न्यूज़ दैनिक हिन्दुस्तान से है) मौजूद है कि ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमन्त्री टोनी ब्लेयर की पत्नी चेरी ब्लेयर की बहन लारेन बूथ ने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया है। ईरान का दौरा करने के बाद बूथ का इस्लाम के प्रति झुकाव हुआ। अब वह घर से बाहर निकलते समय हिजाब पहनती हैं। इसके साथ ही उन्होंने शराब पीना छोड़ दिया है और नियमित नमाज़ पढ़ने के साथ पवित्र कुरआन पढ़ती हैं (जज़ाक अल्लाह)।
बूथ करीब छह सप्ताह पहले ईरान के पवित्र शहर क़ुम में इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम की अज़ीम बहन हज़रत मासूमा की दरगाह में गयी थीं जहाँ उन्होंने अपने को अध्यात्म के नज़दीक पाया। बूथ ने कहा कि मैं हमेशा से यह मानती रही हूं कि मुस्लिम समुदाय बहुत प्रेम करने वाला और अमन पसंद है।
अल्लाह सबको सीधी राह दिखाए - आमीन।
13 comments:
ज़िशान,
वाकई तुम्हें और इस्लाम को मुबारकबाद देता, पर आपने जो शिर्षक बनाया है,"टोनी ब्लेयर के घर पहुंचा इस्लाम"। ऐसा प्रतिध्वनित होता है जैसे "टोनी ब्लेयर के घर में घुसा इस्लाम"
दोष उसी वैचारिकता का है।
यह लेख यहाँ भी है.
सुज्ञ जी. आपने सही फरमाया. दोष वैचारिकता का ही है. मेरे इस शीर्षक का आशय ये था की कल तक इस्लाम के घोर विरोधी रहे लोगों की मानसिकता में भी परिवर्तन आ रहा है और वे सच्चाई को समझ रहे हैं. जबकि आपकी वैचारिकता ने इसे कुछ और समझा.
In logon ke paas bakwaas ke alawa kuch nahin!
@अनोनिमस,
बहुत खूब! जब कोई जवाब नहीं तो पोस्ट ही को बकवास कह दो.
Nice Post!
congratulations!
शुक्रिया ज़िशान,
मेरे दृष्टिकोण को सही सिद्ध करने के लिये।
@ भतीजे हुजूर जनाब फ़ारिक़ ! आपकी ख्वाहिश का अहतराम ज़रूर किया जाएगा लेकिन थोड़ा वक्त लग सकता है। फिरऔन की लाश एक बहुत बड़ा निशान है कुरआन की सच्चाई का जिसे देखकर इन्सान रास्ता और मंज़िल पा सकता है।
Nice post .
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर की पत्नी चेरी ब्लेयर की सौतेली बहन लौरेन बूथ ईरान के दौरे पर गईं। उन्होंने वहां औरतों को देखा। वहां की सोसायटी में उनका आदर और उनकी सुरक्षा देखी। उनके पतियों को देखा कि न तो वे पीते हैं और न ही दीगर औरतों से अवैध संबंध वहां आम बात हैं। न वहां औरतें ही नंगी-अधनंगी घूमती हैं और न ही यूरोप की तरह अवैध संतानें वहां सोसायटी के लिए कोई मसला है। बलात्कार वहां होते नहीं और कोई कर ले वह ज़िन्दा बचता नहीं। उन्होंने देखा कि यह सब इस्लाम की बरकतें हैं। उन्होंने दौरे से वापस लौटकर इस्लाम कुबूल कर लिया। अख़बारों और न्यूज़ चैनल्स पर आज यही चर्चा का मुद्दा है।
बात यह नहीं कि कौन इस्लाम में दाखिल हुआ या कौन गया, बात यह है कि जो लोग इस्लाम के दुश्मन होते हैं, अक्सर उनके घर अथवा करीबी ही इस्लाम की सच्चाई को कुबूल करते हैं और इस लिहाज़ से यह ख़ुशी की बात हुई.
अनवर चाचा ने अच्छी पोस्ट लगवायी
दोनों का धन्यवाद
Dead body of FIRON - Sign of Allah
http://www.youtube.com/watch?v=0hWGjmbAzPs
विडियो
सही कहा है जीशान भाई. कल तक इस्लाम के घोर विरोधी रहे लोगों की मानसिकता में भी परिवर्तन आ रहा है
इस्लाम को जितना बदनाम करने की कोशिश की गयी, उतना ही अन्य धर्म के लोगों मैं इस्लाम को समझने की जिज्ञासा बढ़ी और नतीजा सामने है.
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