Tuesday, December 29, 2009

अल्लाह का वजूद - साइंस की दलीलें (पार्ट-4)


खुदा के वजूद के कन्टराडिक्शन : 
बात हो रही थी कन्टराडिक्शन की। जब हम खुदा या गॉड के अस्तित्व की बात करते हैं तो बहुत से कन्टराडिक्शन पैदा हो जाते हैं। जो खुदा के वजूद को नकारते हुए महसूस होते हैं। और नास्तिकों के लिए दलीलों का काम करते हैं। कुछ कन्टराडिक्शन जो खुदा के वजूद के बारे में दिये जाते हैं इस प्रकार हैं।

खुदा हर जगह है। यानि कोई ऐसी जगह नहीं जो उसके वजूद से खाली हो। इस हालत में वह सभी जीवों का हिस्सा हो गया। हर चीज से जुड़ गया। लेकिन खुदा के बारे में एक और स्टेटमेन्ट कहता है कि वह सृष्टि की किसी भी चीज से पूरी तरह अलग थलग है। इस तरह यह दो विपरीत (Opposite) कथन कन्टराडिक्शन पैदा कर रहे हैं।

कहते हैं कि अल्लाह की मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता। इसका मतलब हुआ कि इस दुनिया में कोई नेकी करता है तो वह अल्लाह की मर्जी से होती है और अगर जुर्म करता है तो उसमें भी अल्लाह की मर्जी होती है। फिर उसने जन्नत और दोजख (स्वर्ग और नर्क) की रचना क्यों की? अगर वह अपनी मर्जी से हुए जुर्म के बदले किसी इंसान को नर्क भेजता है तो यह उसका जुल्म हो गया। लेकिन अल्लाह जालिम भी नहीं है। यहां पर कन्टराडिक्शन पैदा हो गया।
अगर यह माना जाये कि अल्लाह ने इंसान को सब कुछ करने की छूट दे दी है तो दूसरे जानदारों के साथ उसने ऐसा क्यों नहीं किया? इस तरह दूसरे जानदारों के लिए यह उसका अन्याय हुआ। लेकिन खुदा न्यायप्रिय है। एक और विरोधाभास । इससे यह भी लगता है कि इंसान को जुल्म करने के लिए छूट देने का वह दोषी है। इससे भी उसकी न्यायप्रियता पर आँच आती है।

दो तरह के गुण होते हैं। एक वह जो अल्लाह के वजूद से मिलते हैं। दूसरे वह जो अल्लाह से दूर हैं। जैसे अल्लाह आलिम (ज्ञानी) है, जाहिल नहीं है। अल्लाह न्यायप्रिय है, अत्याचारी नहीं है। अल्लाह सच्चा है। झूठ उससे दूर है। और इस तरह बहुत से गुण हैं जो अल्लाह के गुण हैं। इसके विपरीत अवगुण हैं जिनसे अल्लाह बरी है। अब यहां पर सवाल उठता है कि जिस तरह सभी अच्छे गुण अल्लाह के गुण हैं उसी तरह सभी अवगुण किसी दूसरी हस्ती के गुण होने चाहिए। क्योंकि जब हम अपने आसपास नजर करते हैं तो किसी चीज की विपरीत चीज जरूर नजर आती है। जिसमें उस चीज के विपरीत गुण नजर आते हैं। मिसाल के तौर पर अगर एटम के मूल कण प्रोटॉन पर पाजिटिव चार्ज होता है तो इसके अपोजिट इलेक्ट्रान पर निगेटिव चार्ज होता है। चुम्बक में नार्थ पोल के साथ साउथ पोल भी होता है। किसी फोटोग्राफ का एक निगेटिव जरूर होता है। यह ठीक उसी तरह है जिस तरह किसी भी चीज के सामने आईना रखने पर उसकी एक मिरर इमेज बन जाती है। तो इस तरह जो दूसरी हस्ती है उसमें अल्लाह के बराबर अवगुणों की ताकत होनी चाहिए। यानि अब दो वजूद हो गये। एक तो खुदा और दूसरा अवगुणों का खुदा। यानि हम कह रहे थे कि अल्लाह एक है। लेकिन यहां दो हो रहे हैं। एक जबरदस्त कन्टराडिक्शन

उपरोक्त कन्टराडिक्शन ईश्वर या खुदा के कुछ ऐसे गुणों से पैदा हुए हैं जो सभी मजहबों में कामन हैं। यानि खुदा हर जगह है। ये बात सभी धर्मों ने मानी है । उसकी मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता यह भी सभी धर्मों का मत है। ऊपर अल्लाह के बारे में जिन गुणों का जिक्र किया गया है उन्हें भी सभी धर्म मानते हैं। (अगर उन मजहबों को छोड़ दिया जाये जो किसी व्यक्ति या शासक ने अपने लाभ के लिए प्रचारित किये हों।)

मेरा यह मानना है कि ये सभी कन्टराडिक्शन खुदा और साइंस को अच्छी तरह से न समझने की वजह से पैदा हुए हैं। और उनका गहराई से अवलोकन करने के बाद उन्हें दूर किया जा सकता है।  

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