Sunday, September 24, 2017

इमाम हज़रत अली(अ.) का साइंसी इल्म - Part 1

इमाम हज़रत अली(अ.) के कलाम नहजुलबलाग़ा के पहले खुत्बे में बयान है कि ‘‘हर सिफत शाहिद है कि वह अपने मौसूफ की ग़ैर है और हर मौसूफ शाहिद है कि वह सिफत के अलावा कोई चीज़ है।’’

यहाँ पर इमाम अली (अ.) यूनिवर्स की बहुत बड़ी हकीक़त को ज़ाहिर कर रहे हैं। सिफत यानि कि गुण (property) और मौसूफ, जिसमें वह गुण पाया जाये। गुस्सा, प्यार, ताकत, कमज़ोरी वगैरा गुण हैं, और इंसान में ये गुण हैं इसलिये वह मौसूफ है। ग्रैविटेशन फोर्स एक गुण है और माद्दा जिसमें ये गुण पाया जाता है मौसूफ है। ऑक़्सीजन मौसूफ है और ‘जलने में मदद देना’ इसकी सिफत यानि गुण है। 

अब यूनिवर्स की हकीक़त ये है कि हर मौसूफ को उसकी सिफत से अलग किया जा सकता है। और ये बात साइंटिफिक एक्सपेरिमेन्ट्स से ज़ाहिर होती है। किसी चुम्बक का चुम्बकीय गुण एक खास टेम्प्रेचर (क्यूरी टेम्प्रेचर) के बाद खत्म हो जाता है। इलेक्ट्रान पर निगेटिव चार्ज होता है। देखा ये गया है कि घूमने (spin) की एक खास कण्डीशन में उसका निगेटिव चार्ज खत्म हो जाता है। हर चीज़ में कुछ ऐसी सिफत होती हैं जिनसे उस चीज़ की पहचान होती है। इसके बावजूद उस चीज़ से वे सिफतें हटाई जा सकती हैं। हालांकि अभी साइंस उस लेवेल तक नहीं पहुंच पायी है। लेकिन हो सकता है आने वाले कल में ऐसी बॉडीज़ बनने लगें जिसमें ग्रैविटेशन का गुण न मौजूद हो। ज़ाहिर है कि इसका रिवर्स भी मुमकिन होना चाहिये। यानि ग्रैविटेशन फोर्स मौजूद होना चाहिये बिना किसी बॉडी की मौजूदगी के। बिना चुम्बक चुम्बकीय गुण मौजूद होना चाहिये। साइंस अभी इसपर रिसर्च कर रही है कि क्या बिना किसी ज़रिये (source) के चुम्बकीय क्षेत्र पैदा किया जा सकता है? या ग्रैविटेशन फोर्स ऐसी जगह मौजूद हो सकता है जहाँ किसी बॉडी का असर न हो? 

कुछ हद तक साइंस को इसमें कामयाबी मिली है। साइंस उन ज़र्रात (particles) को ढूंढने में कामयाबी पा चुकी है जो इलेक्ट्रोमैग्नीटिक फोर्स और न्यूक्लियर फोर्स को पैदा करने के जिम्मेदार हैं। ये ज़र्रात हैं फोटॉन और मेसॉन। और माना जाता है कि ग्रैविटेशन फोर्स की पैदाइश के लिये ग्रैविटॉन नाम के ज़र्रे ज़िम्मेदार हैं। ज़ाहिर है कि चूँकि ये ज़र्रे उन बॉडीज़ से अलग हैं जिनमें ये ताकतें मौजूद होती हैं। इसका मतलब हुआ कि इन ताकतों को उन बाडीज़ से अलग करके पैदा किया जा सकता है। इस तरह इमाम हज़रत अली(अ.) की इमामत का इल्म चौदह सौ साल पहले उन ज़र्रात को देख रहा था जो सिफत की पैदाईश करते हैं।

इस तरह की और जानकारियों के लिये देखें किताब : 
नहजुलबलाग़ा का साइंसी इल्म
लेखक : ज़ीशान हैदर ज़ैदी
प्रकाशक : अब्बास बुक एजेंसी, रुस्तम नगर, दरगाह हज़रत अब्बास, लखनऊ - 226003 
मो. : 9415102990, 9369444864

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