हाल ही में एक ऐसा घटना हुई जिसने हर सच्चे मुसलमान के दिल को झकझोर दिया। सीरिया में विद्रोहियों (फ्री सीरियन आर्मी, अल नुस्र) के रूप में सक्रिय आतंकवादी संगठन अल-कायदा के कुछ शोहदों ने हमारे नबी हज़रत मुहम्मद(स.) के प्यारे सहाबी हज़रत हुज्र बिन अदी (र.) के रौज़े को न सिर्फ तोड़ा बलिक उनकी क़ब्रगाह को भी खोदकर उनके जिस्म मुबारक को बाहर निकाल लिया और उसकी बेहुरमती की। इस घिनौनी हरकत से यह साफ हो जाता है कि अल नुस्र, अलक़ायदा व तालिबान जैसे संगठन इस्लामी हरगिज़ नहीं बल्कि इस्लाम की खाल में शैतान ही के चटटे बटटे हैं।
इस्लाम का लबादा इन्होंने सिर्फ इस्लाम को बदनाम करने के लिये ओढ़ रखा है। और जिस तरह से इज़्राइल इन्हें सपोर्ट कर रहा है तो इन संगठनों के बनने के पीछे इज़्राइल व अमेरिका की साजि़श भी ज़ाहिर हो गयी है।
पैगम्बर हज़रत मुहम्मद(स.) के प्यारे सहाबी हज़रत हुज्र बिन अदी (र.) की क़ब्र को खोदना तमाम मुसलमानों के लिये एक सबक़ है व उनकी आँखें खोलने के लिये काफी है कि वे अलकायदा व तालिबान जैसे संगठनों को हरगिज़ हरगिज़ इस्लामी न समझें और इनके खिलाफ उठ खड़े हों, जो केवल मुसलमानों को आपस में लड़ भिड़कर मरने के लिये ही बनाये गये हैं। अगर ये वास्तव में इस्लामी होते तो सीरिया व पाकिस्तान वगैरा में मुसलमानों का ही क़त्लेआम हरगिज़ न करते।
अलक़ायदा की उपरोक्त हरकत से सच्चे मुसलमान का ईमान ज़रूर ताज़ा हो गया। क्योंकि चौदह सौ साल पहले दफ्न हुए हज़रत हुज्र बिन अदी (र.) का जिस्म मुबारक जब सच्चे इस्लामी सिपाहियों ने उन आतंकवादियों को मारकर बरामद किया तो वह आज भी वैसा ही तरोताज़ा नज़र आया जैसा 1400 साल पहले दफनाते समय था (तस्वीर देखें)। अपनी इस्लाम दुश्मनी में इस्लाम विरोधियों ने ही इस्लाम की सच्चाई पर मोहर लगाने के लिये एक और सुबूत पेश कर दिया।
2 comments:
ओह्ह... बहुत ही अफ़सोस और गुस्सा है ऐसे लोगो की घटिया सोच और हरकतों पर।
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