Ya Husain Ya Shah-E-Karbala
Saturday, January 26, 2008
Sakina Utho Ghar
Awaz - Irfan Rizvi (Allahabad)
Kalam - Mazhar
1 comment:
रज़िया "राज़"
said...
लो फिर आसमान रोने लगा।
लो फ़िर ज़मीं कांपने लगी।
आह!!ये माहे महोर्रम के आने की ख़बर है।
December 16, 2009 at 11:20 AM
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लो फिर आसमान रोने लगा।
लो फ़िर ज़मीं कांपने लगी।
आह!!ये माहे महोर्रम के आने की ख़बर है।
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